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Schizophrenia

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स्किजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जो व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करता है। यह बीमारी व्यक्ति को वास्तविकता से अलग कर सकती है, जिससे वह भ्रम, मतिभ्रम, और असामान्य सोच की स्थिति का सामना करता है। स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए दिन-प्रतिदिन की जिंदगी जीना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

स्किजोफ्रेनिया के लक्षण

स्किजोफ्रेनिया के लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं। आमतौर पर इसे तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

सकारात्मक लक्षण (Positive Symptoms): यह लक्षण व्यक्ति की सोच और व्यवहार में बदलाव को दर्शाते हैं। इनमें शामिल हैं:

भ्रम (Hallucinations): व्यक्ति को आवाजें सुनाई देना या दृश्य दिखना, जो असल में होते नहीं।

मतिभ्रम (Delusions): व्यक्ति का गलत विश्वास, जैसे कि उन्हें यह विश्वास हो कि वे किसी विशेष शक्ति या मिशन का हिस्सा हैं।

अव्यवस्थित सोच (Disorganized Thinking): व्यक्ति की सोच में तार्किकता की कमी होती है, जिससे बातचीत करना कठिन हो सकता है।

नकारात्मक लक्षण (Negative Symptoms): ये लक्षण व्यक्ति की सामान्य कार्यकुशलता में कमी को दिखाते हैं, जैसे:

जीवन के प्रति रुचि की कमी।

सामाजिक संपर्क से बचना।

भावनाओं की अभिव्यक्ति में कमी।

संज्ञानात्मक लक्षण (Cognitive Symptoms): ये लक्षण व्यक्ति की सोच और स्मरणशक्ति  पर प्रभाव डालते हैं, जैसे:

याददाश्त में कमी।

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।

निर्णय लेने में परेशानी।

स्किजोफ्रेनिया का कारण

स्किजोफ्रेनिया के कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन यह माना जाता है कि यह विभिन्न कारकों के संयोजन से उत्पन्न हो सकता है:

जीन (Genetics): स्किजोफ्रेनिया अक्सर परिवारों में पाया जाता है, जो इसे आनुवंशिक कारणों से जोड़ता है।

मस्तिष्क की रसायनिकी (Brain Chemistry): मस्तिष्क में डोपामाइन और अन्य रसायनों का असंतुलन इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors): मानसिक तनाव, बाल्यकाल में आघात, या ड्रग्स का उपयोग भी इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

मनोवैज्ञानिक उपचार (Psychotherapy): व्यक्ति को अपनी स्थिति को समझने और स्वीकारने में मदद करने के लिए काउंसलिंग और मानसिक चिकित्सा सहायक हो सकती है। CBT (कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी) जैसी तकनीकें व्यक्ति को उनके विचारों और व्यवहारों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

समाजिक समर्थन (Social Support): परिवार और मित्रों का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है। यह मानसिक और भावनात्मक रूप से व्यक्ति को मदद और प्रोत्साहन प्रदान करता है, जिससे वह बेहतर महसूस कर सकता है।

स्किजोफ्रेनिया से जुड़े मिथक

स्किजोफ्रेनिया के बारे में समाज में कई मिथक प्रचलित हैं। उदाहरण के लिए, यह विश्वास कि स्किजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति हिंसक होते हैं, बिल्कुल गलत है। स्किजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है, जो व्यक्ति के मानसिक संतुलन को प्रभावित करती है, न कि उसकी हिंसा की प्रवृत्तियों को।

निष्कर्षस्किजोफ्रेनिया एक जटिल और गंभीर मानसिक विकार है, जो व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इस बीमारी का इलाज नहीं है, लेकिन सही उपचार और समर्थन से पीड़ित व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है। समाज में इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाना और इसे समझना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि इसे सही तरीके से प्रबंधित किया जा सके और रोगी को मानसिक शांति मिल सके।

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